Readers Write In #794: दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो।
- Trinity Auditorium

- Apr 25
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By Vishnu Mahesh Sharma
माना कि मैं इस पार, तुम उस पार हो ना मैं तुम्हारा यार, ना तुम मेरे यार हो पर फासला ये आज पल भर तोड दो दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो। दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो।
शक्ल मेरे हिंदुस्तान की कुछ और है शक्ल तेरे हिंदुस्तान की कुछ और है तस्वीर मुल्क की किसी भी रंग में खींच दो पर हर रंग में दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो।
दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो। हां मैं वामपंथी हूं, ये पत्थर मुझ को मार दो हां मैं संघी हूं, ये कीचड़ मुझ पर फेंक दो खेल ये खांचों का 364 दिन बदस्तूर खेल लो पर आज के लिए दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो।
दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो। 26 बेगुनाह चीखें तो तुझे भी सुनाई देती होगी सुहाग के जोड़े में बेवा तुझे भी दिखाई देती होगी उन 26 लाशों को अपने बदन के 26 घाव जान लो उन दहशतगर्दों को कायर और हैवान मान लो.. और सिवाय हैवनीयत के इसे ना कोई और नाम दो
हां माना कि मैं इस पार, तुम उस पार हो हां माना, ना मैं तुम्हारा यार, ना तुम मेरे यार हो पर फासला ये आज पल भर तोड दो दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो। दहशतगर्दों को दहशतगर्द बोल दो।





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